A tour in forest ... - 1 in Hindi Adventure Stories by Apoorva Singh books and stories PDF | राजपुरा के जंगल ...रहस्य या कोई साजिश? - (भाग 1)

Featured Books
  • My Wife is Student ? - 25

    वो दोनो जैसे ही अंडर जाते हैं.. वैसे ही हैरान हो जाते है ......

  • एग्जाम ड्यूटी - 3

    दूसरे दिन की परीक्षा: जिम्मेदारी और लापरवाही का द्वंद्वपरीक्...

  • आई कैन सी यू - 52

    अब तक कहानी में हम ने देखा के लूसी को बड़ी मुश्किल से बचाया...

  • All We Imagine As Light - Film Review

                           फिल्म रिव्यु  All We Imagine As Light...

  • दर्द दिलों के - 12

    तो हमने अभी तक देखा धनंजय और शेर सिंह अपने रुतबे को बचाने के...

Categories
Share

राजपुरा के जंगल ...रहस्य या कोई साजिश? - (भाग 1)



कहते है जहां शैतान होता है वहां भगवान भी होता है।अगर भगवान का अस्तित्व है तो शैतान का भी है।जीवन के इस सफ़र में कभी कुछ ऐसा हमारे सामने आकर घटित हो जाता है कि हमारे पास सहर्ष विश्वास करने के अलावा और कोई ओर विकल्प शेष ही नहीं बचता।ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है।।हमारी इस कहानी के किरदार भी इन नकारात्मक शक्तियां, या कह लीजिए भूत प्रेत या फिर कोई हवा व्यार इन सब पर विश्वास नहीं करते थे।लेकिन फिर जीवन ने ऐसा मोड़ लिया जिसने इन सब की जिंदगी बदल दी।


सीन - 1


राजपुरा एक ऐसा गांव जिसके चारो ओर घना जंगल है।जहां लोग रात तो क्या दिन के उजाले में भी भटकने से बचते है।कहते है राजपुरा के जंगलों में कुछ ऐसी भुलभुलैया है जिसमें अगर इंसान एक बार पैर रख ले तो फिर वहां से निकल कर नहीं आ सकता..!


एवें ही कुछ भी .. मान! कुछ भी मत फेंक हां।ये सब कुछ नहीं होता है।ये बात तू भी जानता है और हम सब भी जानते है।ये सब तो बस कहने भर की बातें है। भूत प्रेत कुछ नहीं होता है।ये बस कुछ ऐसे अराजक लोग होते हैं जो बस भोले भाले मासूम लोगों को डराने का काम करते हैं।मान के कॉलेज के एक दोस्त विवान ने कहा।मान खन्ना ! कॉलेज का एक ऐसा छात्र जिसे रहस्य रोमांच से भरी दुनिया पसंद है।जो इस समय अपने कॉलेज में अपने दोस्तों के साथ बैठा हुआ बातो में मशगूल होता है।


सीन 2


जंगल के खंडहर में सन्नाटे को तोड़ती हुई खट .. खट खट.. खट खट .. दरवाजा पीटने की आवाज लगातार आ रही है। चर चर चर चर...चरमराने की आवाज भी आ रही है।झींगुर जिंगुरी मेंढ़क सभी की आवाजे एक साथ मिलकर माहौल को एक अलग ही दुनिया का बना रही है।लेकिन ये आवाजे जन्नत की न होकर जहन्नुम की मालूम पड़ती है।इन्हीं आवाज़ों को सुनकर एक खंडहर नुमा हवेली में डर के के कारण एक कमरे में दो जीवित इंसान दुबक कर बैठे हैं।


खट खट.. ह्म हम हम .. खट खट.. ।आवाज फिर से आती है।और दोनों एक बार फिर से एक दूजे का हाथ कस कर पकड़ दुबक जाते हैं।डर इतना कि कोई भी ध्वनि सुनाई देने पर हलक सूख जाता है।माथे पर पसीना टप टप टपकता हुआ अपनी मौजूदगी एहसास करा रहा है तो वहीं शरीर में हो रहा कंपन बता रहा है कि वो दोनों कितने डरे हुए है।


करन हम लोग यहां फंस चुके है।मुझे नहीं लगता कि हम लोग अब यहां से जिंदा वापस निकल पाएंगे।उनमें से एक लड़की रीना ने कांपते हुए कहा।


श्श शश... चुप करो! यहां तो वैसे ही डर की वजह से हालत पस्त हो रही है उस पर तुम और डरा रही हो..! करन ने अपने होठों पर हाथ रखते हुए कहा।


ओह गॉड! कहां फंस गई मै। प्लीज़ हेल्प! गॉड!! इस बार मदद कर दो प्लीज! मै पूरे दो किलो देसी घी के लड्डू चढ़ाऊंगी।प्लीज मुझे यहां से निकाल दो!! प्लीज! प्लीज! प्लीज गॉड!रीना बड़बड़ाते हुए कहती है।


खट पट! कि तभी चर्र की आवाज के साथ दरवाजा खुल जाता है।दरवाजे के खुलते ही करन और रीना दोनों और करीब आ जाते है।पैरो की आवाज और तेज आने लगती है।खट पट...! खट पट..!खट पट.. आवाज करीब आती जाती है।आवाज बढ़ने के साथ ही साथ दोनों की धड़कन बढ़ती जाती है।


खट खट..खट खट.. चर चर्र...र...र्र.


करन मैंने कहा था न कि यहाँ कुछ है कुछ ऐसा जो हमें दिखाई नही दे रहा है।


श्श्श्श्..श्श... चुप रहो यार रीना एक तो पहले से ही डर की वजह से बैंड बजी हुई है उस पर तुम्हारी ये बातें॥


पद्चाप की आवाज थोड़ी दूर होती जाती है...।


थैंक गॉड जान बची तो लाखो पा........ये... आआअ.. करन बचो.....नहीं..... रीना....


..... खचाक और एक खौफनाक आवाज वहाँ गूंजने लगती है।जो कुछ कुछ ऐसी होती है जैसे कोई सदियों से भूखा हो और उसे आज पेट भर कर खाना मिला हो....।



कुछ देर बाद आवाज आना बंद हो जाती है और वहाँ उस खंडहर में कुछ अवशेषो के सिवा कुछ नजर नही आता है...।


खट..पट... खट.. पट... खट बिना पदचिन्हो के चलने की आवाज फिर से सुनाई देने लगती है...।और साथ ही साथ सिसकियों की आवाज भी वहाँ सुनाई देने लगती है...।



अगले दिन उसी खंडहर से करीब बीस किलोमीटर दूर एक शहर के एक छोटे से घर में मातम सा पसरा हुआ है।कोई रोना धोना तो नही हो रहा है लेकिन कोई काम भी नही हो रहा है।आस पड़ोसी आते जाते हुए उस घर के बाहर से अंदर झांक कर आपस में कानाफूसी कर रहे हैं



सच में आजकल के बच्चे अपनी खुशी के आगे किसी और की खुशी की परवाह करना भूलते ही जा रहे है।तभी तो आज रात ही इस घर की बड़ी बेटी गायब हो गयी है।घर के बाहर खड़े एक पड़ोसी ने अंदर ताकते हुए कहा।



अरे गायब की क्या बात कर रहे हो मियां जवान लड़्की है ऐसे कैसे गायब हो सकती है समझ तुम मे भी है मियां फिर नासमझो वाली बात कैसे कर रहे हो....।


बात तो तुम्हारी सोलह आने सही है भाई॥ अब पछताये होत का जब चिड़ियां चुग गयी खेत्।चलो भाई अब हम भी अपने काम धंधे पर चलते है जो गया वो वापस थोड़े ही आना है।पहले तो समय रहते ध्यान देंगे नही बच्चो पर अब किल्ल काय करने से क्या फायदा। कहते हुए दोनो पड़ोसी वहाँ से चले जाते हैं।लेकिन कोई और भी है जो उनकी बात सुन कर गुस्से से पगला रहा है और वो है उस घर का बेटा मान खन्ना।मान लोगो की बातों से आहत होकर मन ही मन अचानक से लापता हुई अपनी बहन के बारे में पता लगाने का निश्चय कर लेता है। वो कमरे से निकलता है और कुछ ही देर में तैयार होकर कॉलेजके लिये निकल जाता है।वो अपने चेहरे को भरसक सामान्य रखने का प्रयास कर रहा है।लेकिन फिर भी अपने बहन के लापता होने का गम उस पर हावी हो जाता है।


यार मान क्या हुआ है हम लोग देख रहे हैं तू सुबह से खोया हुआ है नही ढंग से तू बात कर रहा है और न ही ठीक से हंस बोल रहा है कोई परेशानी है तो बता हो सकता है शायद हम लोग तेरी कुछ मदद कर सके। और आज तू कॉलेज अकेला आया है तेरे साथ तो हर रोज तेरी जुड़वा बहन भी आती थी न आज वो नही आई। मान के एक कोलेज फ्रेंड विशाल ने उसे खोया खोया सा परेशान देख उससे पूछा।



नही आई। और अब कुछ दिनो तक नही आयेगी वो नानाजी के घर गयी हुई है वो काफी दिनो से कह रहे थे कि घूम जाओ आकर, सो कल रात को ही वो वहाँ के लिये निकल गयी मान ने दो टूक जवाब दिया। ओह तभी तुम यहाँ गुमसुम से बैठे हुए हो, है न विवान सामने से आते हुए एक लड़की अकीरा ने विवान से कहा जो उसके साथ ही चलता चला आ रहा था।


नही डियर मान की खामोशी की वजह कुछ और ही है और शायद वो वजह टीना है।क्यूं सही कहा मैंने मान विवान उसके पास बैठते हुए कहा। विवान की बात सुन कर उसके बाकी दोस्त हंस पड़ते हैं तो मान उन सभी को बार घूर कर अपनी नापसंद्गी का एहसास करा देता है।जिसे देख सभी एकदम से चुप हो जाते है।


तभी कुछ देर बाद टीना भी आ जाती है और आकर मान से कुछ दूरी बनाकर बैठ जाती है।उसे देख मान बस एक फॉर्मल सी मुस्कान देता है और फिर से अपनी ही सोच में घिर आता है।


(मान टीना विवान अकीरा और विशाल और् रीना ये सभी कॉलेज फ्रेंडस है।इन सब में टीना एक निम्न वर्ग से रिलेटेड है जो बहुत कम बोलती है और अपने काम से काम रखती है। इन सभी में वो बस मान के साथ ही थोड़ा सहज रहती है।जिसे बाकी सभी मान के साथ एक रिश्ते का नाम देते हैं हालांकि इनके रिश्ते की सच्चाई सिर्फ ये दोनो ही जानते हैं।वहीं अकीरा और विवान एक कपल होते हैं।विशाल एक मस्त्मौला सा बंदा है जिसे किसी के साथ होने या न होने से कोई खास फर्क नही पड़ता।)




यार मान जब से आया है तू ऐसे ही खोया खोया है यहाँ हमें तुमसे और बाकी सबसे कुछ जरुरी बात करनी थी और तू जबसे आया है यहाँ मनहूसियत सी फैलाये बैठा है देख अगर कोई बात है तो बता यूं अपने में ही खोया खोया मत रह विवान ने चिढते हुए कहा।


बात तो कोई नही है तू बोल क्या है तेरी जरुरी बात।मान ने विवान से कहा और चुप हो गया।


ये हुई न बात देख हम दोनो तो कल जा रहे हैं आउटिंग पर बस यही तुम सबको बताना था कहते हुए विवान मान की ओर देखता है।जिसके मुख पर जहरीली मुस्कान खेल जाती है।


हे भगवान अब इसी की कमी रह गयी थी जी तो करता है अभी इसके सारे दांत तोड़ दूं लेकिन अकीरा उसकी वजह से रह जाता हूँ।मान मन ही मन खुद से कहता है। टीना विवान के चेहरे की हंसी देख लेती है तो वो मान के कंधे पर हाथ रख उसे शांत रहने को कहती है।मान उसका हाथ हटाते हुए पलके झपका उसे रिलेक्स रहने का आश्वासन देता है।


विवान ये तो अच्छी बात है लेकिन ये तो बताओ कि तुम लोग आउटिंग पर जा कहाँ रहे हो।मान ने विवान से पूछा।


मान की इस बात का जवाब अकीरा देती है “हम लोग इस बार कुछ अलग करने जा रहे है मतलब ये इस बार हम दोनो आउटिंग पर एक ऐसी जगह जा रहे हैं जो डरावनी होने के साथ रोमांचकारी भी है। यानी वहीं जिसके बारे में हम कल बात कर रहे थे राजपुरा के जंगलो में”।


क्या.....? मान ने एकदम से चौंकते हुए कहा॥।